tag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post6744584562082276761..comments2023-11-02T13:25:07.215+05:30Comments on रांचीहल्ला: यूँ हीं...नदीम अख़्तरhttp://www.blogger.com/profile/17057642640754937106noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post-30970963184678259692009-08-19T12:14:44.328+05:302009-08-19T12:14:44.328+05:30अदा जी !!!
जीवन की बारीक
अनुभुतियों को
सुंदरता...अदा जी !!! <br /><br />जीवन की बारीक <br />अनुभुतियों को <br />सुंदरता के साथ <br />काव्य में उकेरा है<br />आपने !!!<br /><br />आपकी हर अदा <br />जीवन पर फिदा !!!मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post-81959861783087744722009-08-19T12:00:17.390+05:302009-08-19T12:00:17.390+05:30जिंदगी का
वो आइना तो
सीधा-सादा था
मैं उसमें क्यों...जिंदगी का<br />वो आइना तो<br />सीधा-सादा था <br />मैं उसमें क्यों <br />बनती संवरती रही ?<br /><br />सारी जिंदगी का<br />फलसफ़ा इसी अफसोस के साथ <br />खत्म क्यों होता है ?<br /><br />जिंदगी बार बार<br />इशारों में कुछ कहती है <br />लेकिन हर बार <br />चूक जाते हैं हम <br /><br />जाने क्यों ...<br />रेत के बुत से <br />खड़े रहे सामने <br />पत्थर की इक नदी <br />गुजरती रही <br /><br />और ऐसे में यह <br />जीवंत जीवन की धारा भी <br />पत्थर सी लगती है <br /><br />और जीवन हाथ<br />से फिसलने लगता है<br />इशारों को कैसे <br />जुबां दे दें हम<br />कि मुहब्बत बच जाए<br />बस यही एक...<br />दुआ निकलती रही<br /><br />लेकिन ज़िन्दगी गुजरती रही <br />ख्याल आते रहे <br />सोहबत में ...<br />जरूरत के <br />जिन्दगी गुजरती रही <br />और <br />हम चूक गए एक <br />और अवसर से <br />जो जी सकते थे ????मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post-8586798936785351182009-08-14T21:07:44.960+05:302009-08-14T21:07:44.960+05:30nice..one!!!!nice..one!!!!RAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post-23696360962772165612009-08-14T20:18:28.595+05:302009-08-14T20:18:28.595+05:30अच्छी रचना
कृष्ण जन्माष्टमी की व स्वतंत्रता दिवस क...अच्छी रचना<br />कृष्ण जन्माष्टमी की व स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँMithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post-84477567361475443142009-08-14T20:02:41.496+05:302009-08-14T20:02:41.496+05:30रेत के बुत से
खड़े रहे सामने
पत्थर की इक नदी
गुज़रत...रेत के बुत से<br />खड़े रहे सामने<br />पत्थर की इक नदी<br />गुज़रती रही<br />अदा जी लाजवाब अभिव्यक्ति है <br />“स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post-67376651505846037482009-08-14T19:03:36.335+05:302009-08-14T19:03:36.335+05:30सभी को:
“स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !”...सभी को: <br />“स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !”<br /><br />प्यारे नदीम, <br />ये मेरी खुशकिस्मती है की मैं 'रांची हल्ला' के साथ जुड़ पाई ...<br />यह एक समर्थ ब्लॉग है..<br />इसके साथ बंधना खुद तो सबल बनाना है..<br />आर्शीवाद.<br />आपास्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post-81111039113629894552009-08-14T18:50:29.404+05:302009-08-14T18:50:29.404+05:30आप आये बहार आयी। और हम लोगों को आपने इस कलाम के जर...आप आये बहार आयी। और हम लोगों को आपने इस कलाम के जरिये, स्वतंत्रता दिवस का कितना बेहतरीन तोहफा दिया है, मैं बता नहीं सकता। मैं बहुत बहुत खुश हूं।नदीम अख़्तरhttps://www.blogger.com/profile/17057642640754937106noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-971090773022737936.post-55436188683620760202009-08-14T18:34:07.551+05:302009-08-14T18:34:07.551+05:30आईना तो वो
सीधा-सादा था 'अदा
मैं उसमें बनती
स...आईना तो वो<br />सीधा-सादा था 'अदा<br />मैं उसमें बनती <br />संवरती रही <br /><br />क्या बात है, बहुत बढ़िया !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com