आज भी महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार, लिंगभेद, दहेज के कारण प्रताड़ना तथा अन्य उत्पीड़न आदि जारी है परन्तु इन समस्याओं के बावजूद महिलाऐं अपनी पहचान की लड़ाई लड़ रही है और सभी क्षेत्रों में सफलता की उचाईयों को छु रही हैं। व्यापार, प्रबंधन, इन क्षेत्र में पुरूषों की ही भागीदारी रही है और पुरूष उधमी ही सफल मानें गये है। लेकिन ये मिथक अब टुट रहा है और महिलाएं भी अब सफल उधमी एवं प्रबंधक साबित हो रही है। भारत में काफी महिलाएं सफल उधमी हैं तथा प्रंबधन का कार्य भी वे सफलतापूर्वक कर रही है चाहे वह मल्टीनेशनल कंपनी ही क्यों न हो। इन सफल उधमियों एवं प्रबंधनकर्ताओ में प्रमुख हैं पेप्सी की सीइओ इंदिरा नुयी, बाइकोन की मालकिन किरण शा मजुमदार, शाहनाज हुसैन, शाहनाज हर्बल की मालकिन, अखिला श्रीनीवासन, मैनेजिंग डायरेक्टर, श्रीराम इंवेश्टमेंटस् लिमिटेड। इन महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वे अब किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं और देश एवं समाज के उत्थान में अपनी प्रमुख भूमिका अदा कर रही हैं।
इंदिरा नुयी :सीइओ, पेप्सी को
अखिला श्रीनीवासन :मैनेजिंग डायरेक्टर, श्रीराम इंवेश्टमेंट
ज्योति नायक :प्रेसिडेंट, लिज्जत पापड़
ज्योति नायक :प्रेसिडेंट, लिज्जत पापड़
एकता कपूर :क्रियेटिव डायरेक्टर, बालाजी टेलीफिल्म
किरण शा मजूमदार :चैयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, बाइकोन
किरण शा मजूमदार :चैयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, बाइकोन
नैना लाल किदवई :डिप्टी सीइओ, एचएसबीसी
प्रीथा रेड्डी :मैनेजिंग डायरेक्टर, अपोलो अस्पताल
रंजना कुमार : चैयरमैन, नाबार्ड
प्रीथा रेड्डी :मैनेजिंग डायरेक्टर, अपोलो अस्पताल
रंजना कुमार : चैयरमैन, नाबार्ड
रेणुका रामनाथ :आइसीआइसीआइ वेंचर्स
शाहनाज हुसैन :सीइओ, शाहनाज हर्बल्स
इंदिरा कृष्णामूर्ति नुयी, विश्व की चौथी सबसे बड़ी खाद्य एवं पेय कंपनी पेप्सी की सीइओ हैं। फोब्र्स मैगजीन के अनुसार 2007 में विश्व की 100 प्रभावशाली महिलाओं मे इनका पांचवा स्थान है तथा फार्च्यून मैगजीन ने 2006 एवं 2007 में इन्हें व्यापार जगत में सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में पहला स्थान दिया है। किरण शा मजूमदार 2000 करोड़ से भी अधिक पूंजी वाली बायोकोंन ग्रुप की स्वामी है। 1978 में इस कंपनी की इन्होनें स्थापना की थी। ये भारत की एक सफल महिला उधोगपति मानी जाती है। भारत सरकार ने इन्हें 1989 में पद्मश्री एवं 2005 में पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत किया है। अखिला श्रीनीवासन 5000 करोड़ की स्वामित्व वाली श्रीराम ग्रुप की सहायक कंपनी श्रीराम इंवेश्टमेंट्स लिमिटेड की प्रमुख हैं। 2001 में एफआइसीसीआइ नें इन्हें उधोग जगत में अपनी योगदान के लिये अवार्ड से नवाजा है। सौदर्य प्रसाधन के क्षेत्र में क्रांति लाने का श्रेय शाहनाज हुसैन को है। इन्होनें प्राचीनतम आयुर्वेदिक तकनीक का सहारा लेकर हर्बल सौंर्दय प्रसाधन को बाजार में लाने का कार्य किया। आज वे 100 मिलीयन डालर से उपर की शाहनाज हर्बल्स की मालकिन है। 1970 में स्थापित इस ग्रुप की शाखा पुरे विश्व में लगभग 400 स्थानों पर स्थापित हैं। ज्योति नायक लिज्जत पापड़ की प्रसिडेंट हैं। 2001-2002 में इकोनोमिक टाईम्स नें सर्वश्रेष्ठ बिजनेशवोमैन के सम्मान से नवाजा। यें लिज्जत पापड़ की गरिमामय इतिहास को बरकरार रखी हुई हैं। 15 मार्च 1959 में मुम्बई में सात महिलाओं ने महिला गृह निर्माण उधोग के अंर्तगत लिज्जत पापड़ का व्यापार शुरू किया था। आज इसमें 42 हजार महिलायें कार्य कर रही है। पूरे देश में इसकी 67 शाखाएं चल रही है। इसकी संपति 350 करोड़ से उपर चली गई है। यह उधोग महिलाओं की सशक्त भागीदारी की एक गाथा है। एकता कपुर बालाजी टेली फिल्म की मालकिन हैं। टेलीविजन में सीरियलों के अलावा फिल्म निर्माण में भी इनकी कंपनी सफल रही है। नैना लाल किदवई, रीतु नंदा, रेनुका रामनाथ और अनेक महिलायें सफलतापूर्वक व्यापार को चला रही हैं। महिलाएं न केवल व्यापारिक सफलता हासिल कर चुकी हैं बल्कि अपने आप को सफल प्रबंधक साबित कर चुकी हैं। ये महिलायें भारत में और लोगों खासकर महिलाओं के लिये प्रेरणास्रोत का कार्य कर रहीं हैं। ये साबित कर चुकी हैं कि अगर बुंलद इरादे और अदम्य इच्छाशक्ति हो तो लक्ष्य को पाया जा सकता है चाहे डगर कितना भी कठिन क्यों न हो। ये भारत की पुरूष प्रधान समाज में अपनी पहचान बना चुकी हैं इस इरादे से कि हम में भी है दम
शाहनाज हुसैन :सीइओ, शाहनाज हर्बल्स
इंदिरा कृष्णामूर्ति नुयी, विश्व की चौथी सबसे बड़ी खाद्य एवं पेय कंपनी पेप्सी की सीइओ हैं। फोब्र्स मैगजीन के अनुसार 2007 में विश्व की 100 प्रभावशाली महिलाओं मे इनका पांचवा स्थान है तथा फार्च्यून मैगजीन ने 2006 एवं 2007 में इन्हें व्यापार जगत में सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में पहला स्थान दिया है। किरण शा मजूमदार 2000 करोड़ से भी अधिक पूंजी वाली बायोकोंन ग्रुप की स्वामी है। 1978 में इस कंपनी की इन्होनें स्थापना की थी। ये भारत की एक सफल महिला उधोगपति मानी जाती है। भारत सरकार ने इन्हें 1989 में पद्मश्री एवं 2005 में पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत किया है। अखिला श्रीनीवासन 5000 करोड़ की स्वामित्व वाली श्रीराम ग्रुप की सहायक कंपनी श्रीराम इंवेश्टमेंट्स लिमिटेड की प्रमुख हैं। 2001 में एफआइसीसीआइ नें इन्हें उधोग जगत में अपनी योगदान के लिये अवार्ड से नवाजा है। सौदर्य प्रसाधन के क्षेत्र में क्रांति लाने का श्रेय शाहनाज हुसैन को है। इन्होनें प्राचीनतम आयुर्वेदिक तकनीक का सहारा लेकर हर्बल सौंर्दय प्रसाधन को बाजार में लाने का कार्य किया। आज वे 100 मिलीयन डालर से उपर की शाहनाज हर्बल्स की मालकिन है। 1970 में स्थापित इस ग्रुप की शाखा पुरे विश्व में लगभग 400 स्थानों पर स्थापित हैं। ज्योति नायक लिज्जत पापड़ की प्रसिडेंट हैं। 2001-2002 में इकोनोमिक टाईम्स नें सर्वश्रेष्ठ बिजनेशवोमैन के सम्मान से नवाजा। यें लिज्जत पापड़ की गरिमामय इतिहास को बरकरार रखी हुई हैं। 15 मार्च 1959 में मुम्बई में सात महिलाओं ने महिला गृह निर्माण उधोग के अंर्तगत लिज्जत पापड़ का व्यापार शुरू किया था। आज इसमें 42 हजार महिलायें कार्य कर रही है। पूरे देश में इसकी 67 शाखाएं चल रही है। इसकी संपति 350 करोड़ से उपर चली गई है। यह उधोग महिलाओं की सशक्त भागीदारी की एक गाथा है। एकता कपुर बालाजी टेली फिल्म की मालकिन हैं। टेलीविजन में सीरियलों के अलावा फिल्म निर्माण में भी इनकी कंपनी सफल रही है। नैना लाल किदवई, रीतु नंदा, रेनुका रामनाथ और अनेक महिलायें सफलतापूर्वक व्यापार को चला रही हैं। महिलाएं न केवल व्यापारिक सफलता हासिल कर चुकी हैं बल्कि अपने आप को सफल प्रबंधक साबित कर चुकी हैं। ये महिलायें भारत में और लोगों खासकर महिलाओं के लिये प्रेरणास्रोत का कार्य कर रहीं हैं। ये साबित कर चुकी हैं कि अगर बुंलद इरादे और अदम्य इच्छाशक्ति हो तो लक्ष्य को पाया जा सकता है चाहे डगर कितना भी कठिन क्यों न हो। ये भारत की पुरूष प्रधान समाज में अपनी पहचान बना चुकी हैं इस इरादे से कि हम में भी है दम
3 comments:
Aaj Ranchi mein Kiran Bedi ne apne jeevan aur karya kshetra mein ek behtareen lecture diya ki man prasanna ho gayya.
Ranchi halla kya ranchi se jude patrkaron ka blog hai ?
अच्छा लगता है महिलाओं को इस तरह प्रगति पथ पर अग्रसर देख.शुभकामनाऐं.
manish jee ye blog ranchi ka hee hai aur beshak ranchi ke logon ke liye hai, jo bhee likhne-parhne ko ikchhuk ho, zaroor hamara saath de...
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