जिन्दगी को इस कदर पुर सुकून सा जिए ,
ये हिसाब मौत से ज्यादा का कर लें !!
आग बरसेगी आसमान से आज
आ तेरे आँचल का छाता कर लें !!
जहाँ प्यार से कम कुछ भी ना मिले
इक मुहब्बत से भरा हाता कर लें !!
भले ही उसमें किसी की चिट्ठी ना हो ,
अपने संग हम भी इक लिफाफा कर लें !!
ऐ मौत इक ज़रा बाहर को ही ठहर ना ,
हम अपने आप को जरा सरापा कर लें !!
गाफिल किसी मुर्गे का नाम नहीं मियां ,
कि चत काटा और पट मुहँ में धर लें !!
2 comments:
बहुत खूब ! गाफ़िल व सरापा के लिए शब्दकोष देखना पड़ा, परन्तु अखरा नहीं ।
घुघूती बासूती
जिन्दगी को इस कदर पुर सुकून सा जिए ,
ये हिसाब मौत से ज्यादा का कर लें !!
आग बरसेगी आसमान से आज
आ तेरे आँचल का छाता कर लें !!
" sach khen to kmal kee abeevyktee, very heart touhing poetry, liked it"
regards
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