Friday, November 21, 2008
गुनाहगार हैं सभी.....!!
दिल में बेकली हो तभी हर शाम गुनाहगार लगे है तभी....
शिद्दत हो गर दिल में तो...अपने ही यार लगे है सभी...!!
यार दो बोल मीठा भी बोल दे तो मान जाऊं मैं अभी...
नफरत से लबालब तिरे ये हर्फ़ तो तलवार लगे है सभी....!!
भीतर जो देख ले आदम तो ख़ुद को बदल ही दे अभी...
बाहर तो इक अपने अपने सिवा खतावार ही लगे है सभी..!!
हर कोई हर किसी को माफ़ कर दे तो सब बदल जाए...
मन में बोझ लेकर जीने से जीना भी दुश्वार लगे है सभी..!!
चन्द साँसे ही सौगात में लेकर आयें हैं हम सब यहाँ...
हर नेमत को आपस में बाँट लें,कि यार लगे है सभी....!!
मुहब्बत भरा दिल ये जो अपने पास ना हो "गाफिल"
चूम कर कलियाँ कहें फूल को,कि खार लगे हैं सभी....!!
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5 comments:
चन्द साँसे ही सौगात में लेकर आयें हैं हम सब यहाँ...
हर नेमत को आपस में बाँट लें,कि यार लगे है सभी....!!
" great feelings and thoughts.."
regards
Raju bhya
mai pahchan nahi payi thi Ranchi aani par jitu se jankari mili mai abhi delhi me hu. ek NGO ke sath kam kar rahi hu
Aloka
राजू भेया
केसे है इतन दिन बाद मिले भी तो नेट में. मै डेल्ही में हु रांची आने पर जानकारी हुई भूत नाथ की. खोज नही पा सकी आछा लगा की आप मुझे याद किए अभी मई रांची में हु
यार दो बोल मीठा भी बोल दे तो मान जाऊं मैं अभी...
नफरत से लबालब तिरे ये हर्फ़ तो तलवार लगे है सभी....!!
बहुत खूब लिखा है आप ने...वाह...
नीरज
हर कोई हर किसी को माफ़ कर दे तो सब बदल जाए...
मन में बोझ लेकर जीने से जीना भी दुश्वार लगे है सभी..!!
बहुत अच्छी बात.
भूतनाथ जी अलोका जी ने तो आपकी पोल खोल दी. अब तो अपना पूरा परिचय दे दें.
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