चुनाव के दिन
लच्छेदार बातें !!
नेताओं के द्वारा
शब्दों की टट्टी !!
जिनका कोई नहीं अर्थ
वो ढपोरशंखी शब्द !!
दिलासा देते सबको
कुछ वाहियात लोग !!
जो माँ को बेच दे,ऐसे लोग
भारत माँ के तारणहार !!
खा-पीकर जुगाली करते
ये मनचले-मनहूस लोग !!
इनको यहाँ से बाहर निकालो लोगों
इन सबको पटखनी दे दो ओ लोगों !!
इन माँ के बलात्कारियों ने
चुतिया बनाया बनाया तुम्हे साथ साल.......
इन सड़क पर पीट कर अधमरा करो लोगों !!
तुम सबके साथ रो रहा हूँ मैं भी.....
इन सालों को दफन कर दो ओ लोगों !!
अपराधियों को कतई वोट मत दे देना
उनके साथ तुम ना रेपिस्ट बन जाना !!
भारत मांग रहा है आज बलिदान
कम-से-कम इतना तो दो प्रतिदान !!
एक वोट जरूर से जाकर दे आना
वरना इस देश को अपना ना कहना !!
तुम्हारा एक वोट संविधान के माथे पर
एक बहुमूल्य तिलक है ओ लोगों !!
इसे वाजिब उम्मीदवार को देकर
इसकी पवित्रता बचा लो ओ लोगों !!
इस देश ने दिया है अगर तुम्हे कुछ भी
इस देश को आज बचा लो ओ लोगों !!
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