Saturday, April 24, 2010

bhoot ka parichya.....................

पिघलता जा रहा हूँ, ये क्या हो रहा है मुझे ?

ओ सूरज,मैं आँख-भर नहीं देख पाता तुझे !!

मैंने किसी के दुःख में रोना छोड़ दिया अब

कितने ही गम और परेशानी हैं खुद के मुझे !!

दिन से रात तलक खटता रहता हूँ बिन थके

उम्र गुजरने से पहले कहाँ है आराम मुझे !!

ना जाने किन चीज़ों के पीछे भाग रहा हूँ

उफ़ ना जाने ये क्या होता जा रहा है मुझे !!

किसी जगह टिक कर रोने को दिल है आज

ऐसा क्यूँ हो जाता है अक्सर''गाफिल''मुझे !!..

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किसी शै समझ नहीं पता की क्या करूँ

किसी के कंधे से जा लगूँ और रो पडूँ !!

जिन्दगी अगर इसी को कहते हैं तो फिर

इसी वक्त मर जाऊं,अपनी लाश दफना दूँ !!

कोशिशें,नाकामियाँ,गुस्सा और नफरत,उफ़

घुट-घुट कर रोता रहूँ और बस रोता रहूँ !!

ऊपरवाले का होगा कई सदियों का इक बरस

मैं क्यूँ पल-पल,कई-कई सदियाँ जीता रहूँ !!

इतना हूँ बुरा तो वक्त मार ही दे ना मुझे

उम्र की किश्ती के साथ किनारे जा लगूँ !!

बहुत तड़पती हैं ये धडकनें दिल के भीतर मेरे

दिल को निकाल कर फेंक दूं बेदिल ही जिया करूँ !!

मैं अपने-आप से भाग भी जाऊं तो जाऊं कहाँ

इससे तो अच्छा है कि खुद में ही गर्क हो रहूँ !!

कई दिनों से सोचा था खुद के बारे में कुछ लिखूं

अपने हर इक हर्फ़ में मैं कुत्ते की मौत मरता रहूँ !!

uuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuu

uuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuu

मेरा परिचय :

नाम : राजीव कुमार थेपड़ा [वर्मा]

पिता : स्व किशन वर्मा

जन्म-तिथि :24 सितम्बर 1970

शिक्षा :बी ए आनर्स [दर्शन-शास्त्र]

रूचि :रंगमंच,गायन,लेखन तथा सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय [था]

विशेष :1997 में इन्डियन फ़िल्म एन्ड थियेटर अकादिमी [दिल्ली] के टापर

अभिनय-गायन-लेखन-निर्देशन में सैंकड़ों मंचन

पत्र-पत्रिकाओं में यदा-कदा प्रकाशित

चंडीगड तथा इलाहाबाद से सुगम तथा शास्त्रीय संगीत में संगीत-प्रभाकर

इन सभी क्षेत्रों में कई पुरस्कार

आकाशवाणी रांची के कलाकार

मगर फ़िलहाल पैकिंग मैटेरियल के व्यापार में सक्रिय [सभी शौक जो ऊपर उल्लिखित हैं,उनसे किनारा !!]

कार्यालय : प्राची सेल्स

नोर्थ मार्केट रोड

अपर बाजार,रांची

सम्पर्क : 09934305251/093060035/0651-3042630..

http://baatpuraanihai.blogspot.com/

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http://bhadas.blogspot.com/

http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/

http://dakhalandazi.blogspot.com/

3 comments:

आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq' said...

मित्र बहुत पीड़ा में हो .........................जी भरकर रो लो ज़रा ...............के मुझसे बात कर सको ...............

दिलीप said...

bahut khoob dono hi rachnayein...waise bahut dard bhara hai aapki lekhni me...

सहज समाधि आश्रम said...

यार नामराशि आपकी लीला ही
अजीब है अब क्या कहूँ वैसे अच्छा है