Friday, August 27, 2010

है बुरा हाल मंहगाई की मार है

देश दिखता मुझे बहुत बीमार है...........

(प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव ‘विदग्ध‘ ओ.बी. 11 एम.पी.ई.बी. कालोनी, रामपुर, जबलपुर म.प्र. )

है बुरा हाल मंहगाई की मार है, देश दिखता मुझे बहुत बीमार है।
गांव की हर गली झोपडी है दुखी, भूख से बाल-बच्चों में चीत्कार है।

शांति उठ सी गई आज धरती से है, लोग सारे ही व्याकुल है बेचैन हैं
पेट की आग को बुझाने की फिकर में, सभी जन सतत व्यस्त दिन रैन है।
जो जहाँ भी है उलझन में गंभीर है, आयें दिन बढती जाती नई पीर है।
रोजी रोटी के चक्कर में है सब फंसे, साथ देती नहीं किंतु तकदीर है।
प्रदर्शन है कहीं, कहीं हड़ताल है, कहीं करफ्यू कहीं बंद बाजार है।
लाठियाँ, गोलियाँ औ‘ गिरफ्तारियाँ, जो जहाँ भी है भड़भड़ से बेजार है।

समझ आता नहीं, क्यों ये क्या हो रहा, लोग आजाद हैं डर किसी को नहीं।
मानता नहीं कोई किसी का कहा, जिसे जो मन में आता है करता वहीं।
बातों में सब हुये बड़े होषियार है, सिर्फ लेने को हर लाभ आगे खड़े।
किंतु सहयोग और समझारी भुला, स्वार्थ हित सिर्फ लड़ने को रहते अड़े है।
आदमी खो चुका आदमियत इस तरह, कहीं कोई न दिखता समझदार है,
जैसे रिष्ता किसी का किसी से नहीं, जिसे देखो वो लड़ने को तैयार है।

समझते लोग कम है नियम कायदे, देखते सभी अपने ही बस फायदे,
राजनेताओं को याद रहते नहीं, कभी जनता से जो भी किये वायदे।
चाह उनकी हैं पहले सॅंवर जाये घर, देशहित की किसी को नहीं कोई फिकर,
बढ़ रही है समस्यायें नित नई मगर, रीति और नीति में कोई न दिखता असर।
घूंस लेना औ‘ देना चलन बन गई, सीधा- सच्चा जहाँ जो हैं लाचार है।
रोज घपले घोटाले है सरकार में, किंतु होता नहीं कोई उपचार है।

योजनायें नई बनती है आयें दिन, किंतु निर्विघ्न होने न पातीं सफल।
बढ़ता जाता अंधेरा हर एक क्षेत्र में, डर है शायद न हो घना और ज्यादा कल।
सिर्फ आशा है भगवान से, उठ चुका आपसी प्रेम सद्भाव विष्वास है।
देष की दुर्दशा देख होता है दुख, जिसका उज्जवल रहा पिछला इतिहास है।
आज की रीति हुई काम जिससे बने, कहा जाता उसी को सदाचार है।
जो निरूपयोगी उसका तिरस्कार है, आज का ‘विदग्ध‘ यह ही सुसंस्कार है।

कल क्या होगा यह कहना बहुत ही कठिन है, कोई भी नहीं दिखता खबरदार है
जिसे देखों जहाँ देखों, वह ही वहाँ कम या ज्यादा बराबर गुनहगार है।

3 comments:

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

vivek bhayi tumhaari lekhni men bhi dhaar hai....iske har shabd men desh kar rahaa chitkaar hai....!!!!

Anonymous said...

bahut badiya likha hai....

A Silent Silence : Chand Vaade Jo Kar Gaye..(चंद वादे जो कर गए..)

Banned Area News : Embattled airline Mexicana to stop flying

Parul kanani said...

hmm..too gud :)