हैलो राडिया(नीरा)…!!…नमस्कार…!!कैसी हो ??
क्या गज़ब है ना नीरा कि मीडिया के द्वारा अक्सर ऐसे-ऐसे नाम प्रकाश में आ जाया करते हैं,जिन्हें आम जगत में कल तक कोई जानता तक नहीं होता…॥किन्तु बदनाम भी होंगे तो क्या नाम ना होगा कि तर्ज़ पर अक्सर बद्ननामी के रूप में ही ऐसे लोग अक्सर अचानक राजनैतिक,सामाजिक या अन्य किसी क्षितिज पर प्रकाशमान दिखाई देते हैं और कुछ ही समय पश्चात किसी अज्ञात ब्लैक-होल में जाकर समा जाते हैं…और उस वक्त तक तारी सारी बदनामियों का तब क्या होता है,वे कहां बिसूर दी जाती हैं,सो कोई नहीं जानता…!!, जैसा कि नीरा इस समय तुम्हारे साथ भी घट रहा है…है ना नीरा…??
देखने में तो ओ नीरा तुम अत्यन्त सुन्दर या कहूं कि बडी हुश्नो-फ़रोश दिखाई पड्ती हो,किन्तु क्या गज़ब कि ऐसे ही लोगों को तमाम शायरों ने बडा घातक…कातिल… जानलेवा और ना जाने क्या-क्या तो कहा है…और जब-जब ऐसी कहानियां सामने आया करती हैं,तब-तब ऐसा प्रतीत होता है,कि हमारे शायर कितनी पुख्ता और सच्ची सोच रखते हैं तुम जैसे लोगों के बारे में…!!हुश्न है और प्राणघातक ना हो…यह कैसे हो सकता है भला…??क्या अदाएं हैं उफ़ तुम्हारी ओ नीरा…कुछ ढेर सारी स्त्रियों में और हो जाए तो ये देश तर ही क्यों ना जाए भला…!!
नीरा…!!एक बात तो बताओ यार…!!…ऐसी जालिमपने वाली अदाएं आती हैं तो आखिर आती कहां से हैं भला तुम जैसे लोगों में…अपनी इस अदा का उपयोग तुम जैसे लोग कभी देश के अच्छे के लिए भी करते हो क्या…??कभी करके तो देखो यार…तब सच्ची,बडा सच्चा मज़ा आएगा तुम्हें हां…और हां यह भी कि तब जो नाम होगा ना,वो नाम भी ऐसा होगा कि जिस पर तुम खुद्…तुम्हारे बच्चे…तुम्हारा परिवार…और यहां तक कि यह समुचा देश भी,जिसे बडे प्यार और फ़ख्र से हम वतन भी कहा करते हैं,उसे भी तुम पर बहुत-बहुत-बहुत नाज होगा…नीरा…!!यार मैं एकदम सच कह रहा हूं…!!
दरअसल नीरा हम सब जितना समय देश की हानि करके धन कमाने का उपक्रम करते रहते हैं,और उसके एवज में हम जितना धन पैदा कर पाते हैं…उससे बहुत कम मेहनत और समय खर्च करके वो साख,वो नाम कमाया जा सकता है,जिसकी कि कोई मिसाल ही ना मिले…मगर ओ नीरा समझ नहीं आता मुझे धन के लिए कोई अपने भाई-बन्धु को बेच दे तो बेच दे…अपने देश को कैसे भला बेच सकता है…दरअसल नीरा, तुम जैसे कुछ हज़ार लोग अगर सुधर जाओ तो इस देश की तकदीर और तदबीर मिनटों में बदल सकती है,और मज़ा यह कि यह सब तुम नहीं जानते…दुर्भाग्य यह कि तुम जैसे लोग सिवाय अपने स्वार्थ और कतिपय हितों के कुछ जानते ही नहीं…और उससे बडा दुर्भाग्य यह कि यह सब किसी का बाप भी तुम्हें समझा नहीं सकता…!!
मैं तो नीरा सदैव भगवान से यह प्रार्थना करता रहता हूं कि तुम जैसे तमाम इस तरह के स्वार्थी लोगों को जरा-सी,बस जरा-सी भर यह बुद्धि दे दे कि तुम बजाय अपने…अपने परिवार्…और कुछेक अपने लोगों से उपर उठकर देश के काम आ सके… देश-हित की बाबत सोच सके…अगर भगवान में इतना दम है…अगर सचमुच वो भगवान है…तो काश वो तुम जैसों को सदबुद्धि प्रदान कर दे…तो गांधी-सुभाष-भगत-चंद्रशेखर का यह देश…सचमुच अपनी सदगति को प्राप्त हो पाये…और नीरा पता नहीं क्यूं,मुझे ऐसा यकीन है कि वो ऐसा करेगा…ऐसा करके ही रहेगा…करेगा ना नीरा…??
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http://baatpuraanihai.blogspot.com/
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