Saturday, March 12, 2011

भारत का फेसबुक , भारतीय ब्लॉग लेखकों के लिए संपूर्णता से भरा मंच

ब्लॉग प्रहरी : हिंदी वेब के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ.

 

आपके सभी सवाल यहीं खत्म होते हैं. ब्लॉगप्रहरी वह व्यापक परिकल्पना है , जिसने अब तक के सभी अनुत्तरित सवालों को सुलझा दिया है. यह कोई अवतार नहीं है , यह कोई थोपा गया और प्रचारित-प्रसारित व् सुनियोजित पहल नहीं है. यह प्राकृतिक तरीके से विकास को अपनाते हुए आज रणक्षेत्र में खड़े उस योद्धा जैसा है , जिसके माथे पर कोई शिकन का भाव नहीं. क्योंकि इस विकास की पराकाष्ठा को इसके उत्पति के समय ही भांप लिया गया था.

आज ब्लॉगजगत उस लंबे इंतजार से बाहर आकार खड़ा है , जब उसे आवश्यकता थी एक साझा मंच की. जब एग्रीगेटर के भूमिका पर ही सवाल उठने लगे और तमाम बड़े एग्रीगेटरों  ने अपनी सेवाए समाप्त कर दी.

शायद एग्रीगेटर अपनी सुविधाओं और दृष्टि को वह विस्तार नहीं दे पाए , जिसकी आवश्यकता समय ने पैदा कर दी थी. ऐसे में ब्लॉगप्रहरी पुनः सक्रिय हुआ और आज उसे देखा तो पाया कि उसने वह कर दिखाया , जिसके लिए वह चर्चा में आया था.

एक एग्रीगेटर के तौर पर ब्लॉगप्रहरी क्या सुविधा दे  रहा है|

आपके ब्लॉग पोस्ट के लिंक का तुरंत प्रकाशन :

 ब्लॉग प्रहरी आपके ब्लॉग पोस्ट को ४ से ६० सेकंड के भीतर उठा ले जाता है. यह सामान्य तौर पर अत्यंत विश्वसनीय और सही समय है. अब तक के सभी एग्रीगेटर इससे कहीं ज्यादा समय लेते थे.

आपके ब्लॉग पोस्ट की टाइटल, लिंक तथा लघु रूप दिखाना:

सामान्य तौर पर यह सर्वाधिक वांक्षित सुविधा है , जिसकी  अपेक्षा प्रत्येक एग्रीगेटर से की जाती है. ब्लॉगप्रहरी पर यह सेवा भी उसी प्रारूप में उपलब्ध है, जिसके आप आदि है. 

पसंद-नापसन्द करने का विकल्प :

ब्लोग्प्रहरी पर यह सेवा भी उपलब्ध है. परन्तु इस सेवा के साथ एक विस्तार किया गया है. हमने देखा कि पसंद - नापसंद का दुरूपयोग किया गया था. इससे  प्रतिस्पर्धा को विकृत किया गया था.

सुधार : ब्लॉगप्रहरी पर किसने पसंद किया और किसने नापसंद किया , इसे भी देखा जा सकता है. अतः कोई भी बेवजह आपकी पोस्ट को नापसंद कर निचे नहीं धकेल सकता है

कितने पसंद और कितने नापसन्द है  :

आप इसे ब्लॉगप्रहरी के दाहिनी  तरफ  देख सकते हैं. वर्तमान में " सर्वाधिक नापसंद " नहीं दिखया जा रहा, वर्ना सबसे ज्यादा नापसंद पोस्ट को भी बिना वजह प्रसिद्धि मिलेगी.

एक दिन में सबसे ज्यादा पढ़े गए ब्लॉग पोस्ट  :

जैसा कि एग्रीगेटर्स से अपेक्षा की जाती है. यह सुविधा भी ब्लॉगप्रहरी पर उपलब्ध है.

सुधार : हमने देखा कि लोग अपने ही पोस्ट को कई दफा किल्क कर उसे सर्वाधिक पढ़े गए पोस्ट वाले हिस्से में पहुंचा देते थे. ब्लॉगप्रहरी आपके द्वारा क्लिक को रजिस्टर कर लेता है. आप किसी भी पोस्ट को अपने पहले क्लिक से ही , पढ़ी गयी संख्या में इजाफा कर सकते है. दूसरी बार क्लिक करने पर आप पोस्ट तो पढ़ पाएंगे परन्तु , पढ़े गए संख्या में इजाफा नहीं होगा.

एक दिन में सबसे ज्यादा पसंद प्राप्त ब्लॉग पोस्ट :

यह सुविधा भी ब्लोग्प्रहरी पर उपलब्ध है .

सुधार : आप यह भी देख सकते हैं कि अमुक पोस्ट को किसने पसंद का चटखा लगाया है . इससे कोई भी छद्म खेल को बढ़ावा नहीं मिलेगा . क्योंकि आपकी राय सार्वजनिक है.

आपके अभी ब्लॉग पोस्ट्स के लिंक का प्रोफाइल में संकलन

ब्लॉगप्रहरी पर आपके ब्लॉग से आयातित ब्लॉगपोस्ट्स की लिंक्स को उनके पठान और पसंद संख्या के साथ सुन्दर तरीके से सहेजा जाता है.

ब्लॉग पोस्ट्स का विषय -वार संकलन

हिंदी ब्लॉगजगत में लेखों का विषयवार संकलन तकनीक द्वारा संभव नहीं. एक ही  ब्लॉग पर कई विषय पर लेखन किया जाता है. अतः कोई भी वर्गीकरण कारगर और सही नहीं हो सकता, जब तक इसे मानव द्वारा नहीं किया जाए.

उपाय : ब्लॉगप्रहरी में कई  ग्रुप्स बनाये गए हैं. यह ग्रुप फेसबुक के ग्रुप निर्माण जैसा है. हर उपयोगकर्ता अपना ग्रुप बना सकता है. कुछ विशेष ग्रुप ब्लॉगप्रहरी द्वारा बनाये गए हैं. यह ग्रुप द्वार ही आप पोस्ट्स को विभिन्न विषय में दाखिल कर सकते हैं. हर सदस्य एक साथ कई ग्रुप में शामिल हो सकता है.

किसी भी एग्रीगेटर द्वारा यह मूलभूत सुविधाएं अपेक्षित हैं . ब्लॉगप्रहरी इससे कहीं ज्यादा है|

१. ट्वीट करने की सुविधा.

: ट्वीटर/ बज्ज  के बढते प्रभाव और प्रसिद्धि को देखते हुए यह आवश्यक समझा गया कि आज बहुत कुछ लिखने का समय सबसे पास नहीं और न ही गैर-ब्लॉगलेखक आपकी लंबी पोस्ट्स को पढ़ने का समय रखता. शायद इसी वजह से दो- टूक विचार वाले ट्विटर ने धूम मचा दी है. ब्लॉगप्रहरी ने इस आवश्यकता को समझते हुए ट्वीटर द्वारा प्रदत सभी प्रमुख सुविधाओं को आत्मसात किया.

ट्वीटर से अपने ट्वीट आयातित करने की सुविधा

आज  सभी ट्वीटर पर सक्रिय है. ऐसे में यह आवश्यक है कि एक ही जगह आपको ट्वीट पढ़ने और प्रत्युतर देने का साधन भी हो. ब्लॉगप्रहरी पर आप अपना ट्वीटर अकाउंट जोड़ कर ऐसा कर सकते हैं.

आप अपने ब्लॉग जोड़ने और हटाने में सक्षम होंगे

बार बार यह शिकायत रही कि अमुक एग्रीगेटर मेरा ब्लॉग नहीं दिखाता. अथवा बार बार आवेदन के बाद भी वह आपके ब्लॉग को शामिल नहीं कर रहा. कई बार आपको अपने ब्लॉग हटाने के लिए भी अनुरोध करना पड़ता है. यह सब झमेले से अलग ब्लोग्प्रहरी पर अपने खाते में आप अपना ब्लॉग स्वयम जोड़ या हटा सकते हैं.

इसके आलावा आप ब्लोगप्रहरी पर पाते हैं, निम्न सुविधाएं

१.      अपने प्रशंसक बनाना और दूसरे के प्रशंसक  बनना (इस सुविधा से आप अवांक्षित पोस्ट्स से मुक्ति पा सकेंगे )

२.      एक सार्वजनिक चर्चा का मंच ( फोरम , जिसमे आप ब्लॉग लेखन और तमाम तकनिकी जानकारियों को पा सकते हैं , और अपने सवाल भी पूछ सकते हैं. ब्लॉगप्रहरी टीम आपके द्वारा पूछे गए सवाल को २४ घंटे के भीतर उतर देगी )

३.      एक सार्वजनिक व् प्राइवेट चैट रूम ( आम बात-चित के लिए और विशेष प्रयोजन हेतु चर्चा के लिए एक चैट-रूम, जो टेक्स्ट और वीडियो दोनों मोड में संभव है )

४.      इवेंट मैनेजमेंट यानि विशेष आयोजनों की सूचना का मंच ( ब्लॉगप्रहरी पर आप किसी विशेष आयोजन जैसे ब्लॉग सम्मलेन और गोष्ठिओं कि सुचना को बेहतर ढंग से साझा कर पाते हैं. साथ ही आप स्थान , दिन और समय का उल्लेख करते हैं . पाठकों के समक्ष यह विकल्प होता है कि वह उस आयोजन में अपना नाम रजिस्टर करा सके. इससे आपके आयोजन बल मिलेगा तथा आप उसे सही तरीके से निभा पाएंगे .

५.      ग्रुप एल्बम और वीडियो लाइब्रेरी ( हम विभिन्न आयोजनों में शामिल होते हैं और कई बड़े ब्लॉग सम्मलेन अभी तक हो चुके हैं. कितना अच्छा होता अगर इनका संकलन एक जगह मौजूद होता. ब्लॉगप्रहरी ने इस आवश्यकता को भांप लिया और या सुविधा हमने प्रदान की है )

६.      सार्वजनिक ब्लॉग मंच ( कई पाठक ऐसे हैं, जो ब्लॉग बनाने की प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं . ऐसे नए हिंदी नेटीजन के लिए एक ब्लॉग मंच का होना आवश्यक है. जहाँ वह अपने विचार व्यक्त कर सकें.

७.      ब्लॉगप्रहरी का सर्च सेवा : एक ही पन्ने पर बिना किसी परेशानी के टेक्स्ट, न्यूज, वीडियो और पी डी एफ फाइल को सर्च किया जा सकता है.

 

इसके अलावा अन्य ब्लॉगप्रहरी पर अनगिनत सुविधाएं मौजूद है. यह संपूर्ण परिकल्पना ३ महीने के गहन शोध के बाद लिखी गयी और उसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया गया है. आपसे अपेक्षा है कि आप इसे जानकारी को अपने ब्लॉग/वेबसाईट और बज्ज के द्वारा अपने मित्रों तक पहुंचाएंगे. 

--
नदीम अख्तर
द पब्लिक एजेंडा
9835193065
9852909234

 

4 comments:

Dr. Yogendra Pal said...

ब्लोगप्रहरी की सफलता के लिए शुभकामनाएं वैसे "अपना ब्लॉग" भी यह सभी जरूरतें पूरी कर रहा है, सिर्फ एक और जोड़ दीजिए- वर्गीकरण :)

अपनाब्लॉग

कनिष्क कश्यप said...

योगेन्द्र जी | मैं आपके मौजूदगी की तारीफ करता हूँ. जहाँ भी ब्लॉगप्रहरी का जिक्र होता है , आप जरूर मौजूद होते हैं अपने लिंक के साथ. जब नाम रखा है , अपना ब्लॉग तो यह "किसका अपना है " यह भी बताएं. अगर अपना से तात्पर्य आपका लिए अपना है तो थोड़ी नाखुशी है. अगर अपना मतलब हब ब्लॉग वालों का है, तो फिर यह बताएं.

क्या वर्गीकरण, संभव है ? जब तक वह एक मानव द्वारा न किया जाये. ब्लॉगप्रहरी पर अपना खाता खोले, वर्गीकरण वहाँ मौजूद है.

उम्मीद है, ब्लॉगवाणी वाली कहानी नहीं दुहरायी जायेगी. यहाँ ५ महीने का अथक म्हणत , रिसर्च और पैसा लगा है. उसकी इज्ज़त करें. क्योंकि यह सिर्फ जाने वाला मार्ग है , आने का नहीं.
:)
धन्यवाद !! नदीम जी का.

apnablog said...

अब सुन तुझे बताता हूँ . अपनाब्लॉग. क्या नहीं दे सकता.

१.यह एक द्रुपल की थीम है. जिसकी लगत शुन्य है. मुफ्त का माल लेकर कूद रहा है.
२ अपना ब्लॉग डॉट कोम पाकिस्तानी वेबसैट है, तू उसका भारतीय संस्करण तो नहीं?
३ अपना ब्लॉग के लिए हैक : अपने ही पोस्ट पर दस बार क्लिक करें, एक एक मिनट के अंतराल और अपने पोस्ट को खुलने दें, आपकी पोस्ट ज्यादा पढ़े गए में पहुंच जायेगी. एक बार ऊपर आ गयी तो सब खुद उसे पढकर खुद पहुंचा देंगे.
४ अपना ब्लॉग आपको सभी पोस्ट्स पढ़वाता है , चाहे मन हो या न हो.
५ अपना ब्लॉग पोस्ट्स उठाने में क्रोन इस्तेमाल करता है. सभी ब्लोग्स एक नियत समय के बाद उठाये जाते हैं , जिससे समय बढ़ जाता है.
६ अपना ब्लॉग पर पसंद-नापसद वाला फंडा सही नहीं है. और किसने किया पता नहीं चलेगा.
७ अपना ब्लॉग पर आप ट्वीट नहीं कर सकते.
८ अपना ब्लॉग पर आप ट्वीटर खाते को आयातित नहीं कर सकते.
९ अपना ब्लॉग पर एक बेहतर मेंबर प्रोफाइल नहीं ...
चिरकुट , कुछ सोच समझ के बोला कर ..आया मुफ्त में बनी साइट ले कर हल्ला करने.

रांचीहल्ला वाले भाई साहब ..इस चिरकुट का कोमेंट हटा दो. इसका दिमाग खराब हो गया है.

padm singh said...

Blog Prahari ki suvidhaayen itni adhik hai ki do chaar din ise dekhte hue lag jaate hain.

Log muft me mili cheez ki keemat nahi samajhte