दो-दो कौड़ी के कथित पत्रकारों को भी इस हिंसा की तरफ उँगुली उठाने से पहले सोचना होगा कि असल लूट और राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुक्सान अगर उन्हें छत्तीसगढ़ और ओडीशा के पॉस्को आन्दोलन में नहीं दिखायी देता, तब उन्हें अपने घड़ियाली आँसू नोएडा के लिए बहाने की जरूरत नहीं है।
Read More on http://hastakshep.com
उस सम्पत्ति को मत जलाओ जिसके तुम खुद मालिक हो,
No comments:
Post a Comment