Friday, February 22, 2013

न उम्मीद छोडऩी चाहिए, न सपने, उम्मीदें ही बदलाव की दिशा में सक्रिय करती हैं | Hastakshep.com

उनमें आग तो है, उनके पास सुलगते हुए दिमाग तो हैं, उनके पास कुछ नया रचने वाली चिंनगारियां तो हैं, उनमें जोश भी है पर इस ताकत को दिशा चाहिए। आग लोहे को पिघलाकर उसे मशीन के रूप में भी ढाल सकती है और बस्ती को, जंगल को जला कर राख भी कर सकती है। ...............read more
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