अगर अंतर्राष्ट्रीय सम्बंधों की बात एकबारगी न भी की जाए तो सोमनाथ भारती को भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के तहत कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार मिल गया ? भारती यह भूल गए कि वे दिल्ली सरकार के कानून मंत्री है, पुलिस कमिश्नर नहीं। आखिर उन्हें अपनी हैसियत तो बतानी ही चाहिए कि किस हैसियत से वह पुलिस को हुक्म दे रहे थे और विदेशी छात्राओं को बंधक बना रहे थे। भारती की हरकत हर दृष्टि से अपराध ही है। बेहतर तो यही होगा कि केजरीवाल स्वयं उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर समूचे राष्ट्र से, विदेशी छात्राओं से बिना शर्त माफी माँगें। लेकिन केजरीवाल तो सियासी टोने-टोटकों में परंपरागत राजनीतिक दलों से बहुत आगे निकल गए।
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सांस्कृतिक आतंकवाद का नया चेहरा “आप” | HASTAKSHEP
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