हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार जब-जब धर्म की हानि होती है तो अवतार आते हैं. कंस के इस राज्य में अवतार आ चुके हैं. स्वागत करें.
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ।
Whenever and wherever there is a decline in religious practice, O
descendant of Bharata, and a predominant rise of irreligion at that time
I descend Myself.
हे भारत जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ही मैं
अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूँ ।
बाबा तुलसी लिख चुके हैं. यह बात गलत नहीं होगी.
जब-जब होई धरम के हानि....!
बढहिं अधम असुर अमिभानी...!!
तब-तब प्रभु धर विविध शरीरा...!
हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा......!!
अर्थात जब जब इस धरा धाम पर पाप अधिक बढ़
जाता है तब इस धराधाम में धर्म व राष्ट्र रक्षा के लिए परमात्मा को आना
पड़ता है।
ब्रहमांड के सभी देवता ऋषि मुनि सब बैठे थे. पृथ्वी गृह की बात आ गयी.
बातों-बातों में नारद मुनि पहुँच गए. उन्होंने सभी देवताओं और ऋषि मुनियों
को सूचना दी कि जम्बो द्वीप में एक नागपुरी गैंग आ गया है जो आये दिन लोगों
को परेशान करता है, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को कारागार में निरुद्ध
कर देता है. पृथ्वी गृह के जम्बो द्वीप पर त्राहिमाम-त्राहिमाम हो रहा है.
कोई सुनने वाला नहीं है. धर्म का नाश हो चूका है. अधर्म का शासन हो चूका
है. कोई व्यक्ति अगर कुछ बोलने की कोशिश करता है तो यह अधर्मियों का गिरोह
तू मुल्ली है, तू गद्दार है, तू देशद्रोही है कहकर अपमानित करते हैं और फिर
देशद्रोह का आरोप लगा कर गिरफ्तार कर लेते हैं. स्तिथि यहाँ तक ख़राब हो
चुकी है कि जनता कहने लगी है कि कंस का शासन इस कंस से अच्छा था. देवताओं
के चेहरे अचानक खौफ में आ गए, बैठे हुए देवताओं ने कहा की इस भारत खंडे में
हमने कई बार असुरों का विनाश किया है. अधर्म का नाश कर धर्म का शासन
स्थापित किया है. लगता है कि इस जम्बू द्वीप में पुन: किसी अवतार को भेजने
की जरूरत हो रही है. भारत में मुसलमान भी है, इसाई भी, हिन्दू भी है, यहूदी
भी है या यूँ कहिये दुनिया भर के विभिन्न धर्मों के मतावलंबी इस भूखंड पर
रहते हैं. कभी इस तरह का शासन नहीं आया है. फर्जी तरीके से यह आरोप लगे जाए
की तू पाकिस्तानी है, तूने नारा लगाया है और फिर गिरफ्तार करके न्याय के
मंदिर में उपस्थित कराने से पूर्व मंदिर के कर्मचारियों से पिटवाते हैं. यह
बातें जानकार उस सभा में सन्नाटा छा गया. तरह-तरह की राय आने लगी की जम्बू
द्वीप में कैसे अमन चैन स्थापित किया जाये. अंत में सारे देवता ऋषि मुनि
परेशान हैरान हुए और यह तय हुआ कि अब तो विष्णु को पुन: अवतार लेना पड़ेगा.
विष्णु ने कहा की अब मै विष्णुमोहिनी नहीं बनूँगा लेकिन जम्बू द्वीप में
शांति स्थापना के लिए मै पृथ्वी गृह पर जाऊँगा और कंस का वध होगा.
पापाचारी, लोकाचारी, भ्रष्टाचारी, अंग्रेजों के मुखबिर गैंग का विनाश
करूँगा. सारे ऋषि मुनियों और देवताओं ने एवमस्त कहा. तुरंत उनका अवतार
जवाहर लाल नेहरु विश्विद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के रूप
में हो जाता है और उनके सहायक के रूप में उमर खालिद बलराम के रूप में
प्रकट हो जाते हैं. बलराम भागे हुए हैं. कन्हैया अंडा सेल में हैं. अब
देखिये आगे-आगे क्या होता है. कंस जीतेगा या कन्हैया और बलराम. कलियुग है
परिणाम का हमको भी पता नहीं लेकिन इंतज़ार है.
बातों-बातों में नारद मुनि पहुँच गए. उन्होंने सभी देवताओं और ऋषि मुनियों
को सूचना दी कि जम्बो द्वीप में एक नागपुरी गैंग आ गया है जो आये दिन लोगों
को परेशान करता है, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को कारागार में निरुद्ध
कर देता है. पृथ्वी गृह के जम्बो द्वीप पर त्राहिमाम-त्राहिमाम हो रहा है.
कोई सुनने वाला नहीं है. धर्म का नाश हो चूका है. अधर्म का शासन हो चूका
है. कोई व्यक्ति अगर कुछ बोलने की कोशिश करता है तो यह अधर्मियों का गिरोह
तू मुल्ली है, तू गद्दार है, तू देशद्रोही है कहकर अपमानित करते हैं और फिर
देशद्रोह का आरोप लगा कर गिरफ्तार कर लेते हैं. स्तिथि यहाँ तक ख़राब हो
चुकी है कि जनता कहने लगी है कि कंस का शासन इस कंस से अच्छा था. देवताओं
के चेहरे अचानक खौफ में आ गए, बैठे हुए देवताओं ने कहा की इस भारत खंडे में
हमने कई बार असुरों का विनाश किया है. अधर्म का नाश कर धर्म का शासन
स्थापित किया है. लगता है कि इस जम्बू द्वीप में पुन: किसी अवतार को भेजने
की जरूरत हो रही है. भारत में मुसलमान भी है, इसाई भी, हिन्दू भी है, यहूदी
भी है या यूँ कहिये दुनिया भर के विभिन्न धर्मों के मतावलंबी इस भूखंड पर
रहते हैं. कभी इस तरह का शासन नहीं आया है. फर्जी तरीके से यह आरोप लगे जाए
की तू पाकिस्तानी है, तूने नारा लगाया है और फिर गिरफ्तार करके न्याय के
मंदिर में उपस्थित कराने से पूर्व मंदिर के कर्मचारियों से पिटवाते हैं. यह
बातें जानकार उस सभा में सन्नाटा छा गया. तरह-तरह की राय आने लगी की जम्बू
द्वीप में कैसे अमन चैन स्थापित किया जाये. अंत में सारे देवता ऋषि मुनि
परेशान हैरान हुए और यह तय हुआ कि अब तो विष्णु को पुन: अवतार लेना पड़ेगा.
विष्णु ने कहा की अब मै विष्णुमोहिनी नहीं बनूँगा लेकिन जम्बू द्वीप में
शांति स्थापना के लिए मै पृथ्वी गृह पर जाऊँगा और कंस का वध होगा.
पापाचारी, लोकाचारी, भ्रष्टाचारी, अंग्रेजों के मुखबिर गैंग का विनाश
करूँगा. सारे ऋषि मुनियों और देवताओं ने एवमस्त कहा. तुरंत उनका अवतार
जवाहर लाल नेहरु विश्विद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के रूप
में हो जाता है और उनके सहायक के रूप में उमर खालिद बलराम के रूप में
प्रकट हो जाते हैं. बलराम भागे हुए हैं. कन्हैया अंडा सेल में हैं. अब
देखिये आगे-आगे क्या होता है. कंस जीतेगा या कन्हैया और बलराम. कलियुग है
परिणाम का हमको भी पता नहीं लेकिन इंतज़ार है.
सुमन
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