बिहार के कोशी नदी का दियारा क्षेत्र चन्द दिनों के बाद जलमग्न हो जाएगा। बरसात की पहली बारिश ही इसे अपने आगोश में समां लेगी। फ़िर अगले वर्ष इसका स्वरूप कैसा होगा? यह कोई नही जानता। शायद यह नदी की मुख्य धारा बन जाए या फ़िर बालू और रेत का संगम भी। पिछले वर्ष जाती हुई जलधारा ने इस टूटी नाव को यहाँ लाकर पटक दिया था जो पिछले छह महीनों से यहीं लगी हुई है।
(यह दिलचस्प जानकारी एकत्र की है हमारे साथी पत्रकार रंजीत जी ने। तस्वीर भेजी है मुकेश कुमार ने। रांचीहल्ला आप दोनों का आभारी है।)
1 comment:
बहुत सशक्त तस्वीर और सोचने को मजबूर करता विवरण.
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