Friday, September 26, 2008
रांची में लड़कियों के निकलने पर पाबंदी!
ज़मज़म वेल्फेयर सोसाइटी, रांची ने ईद से पूर्व रातों को बाज़ार में लड़कियों को न घूमने की हिदायत दी है। सोसाइटी ने बाकायदा एलान जारी किया है कि मुस्लिम लड़कियों के मां-बाप ईद की खरीदारी के नाम पर अपनी लड़िकयों को देर रात तक बाज़ार में घूमने की छूट न दें। इसे पाबंदी के साथ लागू करें, ताकि रातों को लड़कियों के साथ कुछ मनचले किस्म के युवकों का मेल-जोल न हो। संस्था की ओर से एक पत्र सभी मुस्लिम एदारों के नाम जारी किया गया है, जिसमें इस बात की तसदीक की है कि ईद के चांद रात को देर रात तक लड़कियां घरों से बाहर रहती हैं, जिससे नामहरम लड़के उनसे मिलते हैं। इस प्रवृत्ति को संस्था ने इस्लामी मआशरे के लिए खतरनाक बताया है और सभी अभीभावकों से इस पर पाबंदी लगाने की मांग की है। इस संस्था की ओर से जारी चिट्ठी के मजमून को अलविदा जुमे की नमाज़ के पूर्व रांची के सभी मसजिदों में पढ़कर सुनाया भी गया। चांद रात को लड़कियों के देर रात तक स्वच्छंद घूमने-फिरने का इस एलान के बाद कोई असर पड़ता है या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा।
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8 comments:
लड़कों के बाहर निकलने पर पाबंदी लगाने से भी तो सड़क पर चलने वाली लड़कियां महफूज़ रह सकती हैं...आख़िर लड़कों के डर से ही तो लड़कियां ख़ुद को समेट कर रखती हैं...फिर पाबंदी लड़कों पर क्यूं नहीं...?
ये तो दकियानुसी सा ख्याल लगा !
शर्मनाक। कबीलाई हरकत।
नादिम जी नमस्कार ,
आप लोगों की एकता तो देखने लायक है!! मैं आप को एक पढ़ा लिखा जिम्मेदार व्यक्ति समझता हूँ पर आप जैसे लोगो द्वारा इस तरह के फतवों को एक लेख के द्वारा प्रसारित करना बेहद शर्मनाक बात है आप जैसे बुद्धिजीवी लोगो को इसका विरोध करना चाहिए , मगर शायद यह अपलोगो का भय या आप लोगो की अशिक्षा को दर्शाता है इससे सुधारे और अपने समाज के स्तर को उन्नत करे !
Tamashai ban kar dekhne mein dilchaspi zahir karnr ki jagah aapki is vaktavya par kya soch hai ye likhte to behtar rahta.
Ranchi ki sanskriti rahi hai ki yahan ke log har tayohar par der raat tak ghoomte rahe hain. Pabandi un par lagni chahiye jo aise khushi ke mauqon par gustakhiyan karte hain na ki khushi manane wale logon par.
गनीमत है इसमें बाद का 'नही तो....' वाला खंड शामिल नहीं है। वैसे इन धार्मिक दलालों का उन लड़कियों के साथ क्या करने का इरादा है जो इस ताकीद क बाद भी बाहर मिलीं... इन 'नामहरम लड़कों' को उकसाया जाएगा कि बलात्कार करें या फिर इन लड़कियों के खिलाफ किसी धार्मिक संहिता से कोई सजा खोजी जाएगी।
ladkiyo ke liye ek mohlla bana dete to acchha rahtaa... suraksha ka khyaal rakhne wale to pahle parda pratha rakhte hain phir aur kaisi suraksha caahiye
muslim budhijivion ko budhi kab aayegi.
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