Thursday, October 30, 2008

मुश्किलें जिनके साथ जीने में हैं !!

मुश्किलें उनके साथ जीने में है ,

जिनके हाथ इतने मजबूत हैं कि-
तोड़ सकते हैं किसी की भी गर्दन !

मुश्किलें उनके साथ जीने में है,

जो कर रहे हैं हर वक्त-

किसी ना किसी का या.....

हर किसी का जीना हराम !

मुश्किलें उनके साथ जीने में है .....

जिनके लिए जीवन एक खेल है ,

और किसी को भी मार डालना -

उनके खेल का एक अटूट हिस्सा !

मुश्किलें उनके साथ जीने में है ........

जो कुछ नहीं समझते देश को......

और देश का संविधान......

उनके पैरों की जूतियाँ !!

मुश्किलें उनके साथ जीने में है .....

जो सब कुछ इस तरह हड़प कर रहे हैं,

जैसे सब कुछ उनके बाप का ही हो.....

और भारत माता.....उनकी रखैल....!!

मुश्किलें उनके साथ जीने में है,

जिनको बना दिया गया है.....

इतना ज्यादा ताकतवर......

कि वो उड़ा रहे हैं.....

क़ानून का मखौल और...

आम आदमी की धज्जियाँ !! ...
दरअसल ये मुश्किलें.......
हमारे ही साथ हैं.....
हम सबके ही साथ हैं......
मगर सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि
हम सबको ......

जिनके साथ जीने में मुश्किल है ,
उनको .........कोई भी मुश्किल नहीं !!!!







1 comment:

seema gupta said...

मुश्किलें उनके साथ जीने में है .....

जिनके लिए जीवन एक खेल है ,

और किसी को भी मार डालना -

उनके खेल का एक अटूट हिस्सा !

मुश्किलें उनके साथ जीने में है ........

जो कुछ नहीं समझते देश को......

" very sensitvly written and expressed your thought and pain....but what to do if they dont wanna understand .... life is game for them so..."

Regards