Saturday, November 1, 2008

आखों में क्या है !!

आंखों में क्या है.......सच्चाई !!
सीने में क्या है......दुःख दाई !!
साँसों में क्या है....तन्हाई !!
बांहों में क्या है.....रूसवाई !!
खून का इक समंदर है
रगों में क्या है......रौशनाई !!
ये पल उस पल की बरसी है
जीवन क्या है...जगहंसाई !!
सकते में है गाफिल हर कोई
होठों पे क्या है....तिशनाई !!
पुरसुकून नहीं हूँ मैं मगर
लफ्जों में क्या है रहनुमाई !!
अब तो "गाफिल" को सोने दो
अब तो उसको भी नींद आई !!

3 comments:

सुनील मंथन शर्मा said...

ये पल उस पल की बरसी है, वाह!

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया!!!

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

kuchh na kuchh hona chahiye
narayan narayan