आंखों में क्या है.......सच्चाई !!
सीने में क्या है......दुःख दाई !!
साँसों में क्या है....तन्हाई !!
बांहों में क्या है.....रूसवाई !!
खून का इक समंदर है
रगों में क्या है......रौशनाई !!
ये पल उस पल की बरसी है
जीवन क्या है...जगहंसाई !!
सकते में है गाफिल हर कोई
होठों पे क्या है....तिशनाई !!
पुरसुकून नहीं हूँ मैं मगर
लफ्जों में क्या है रहनुमाई !!
अब तो "गाफिल" को सोने दो
अब तो उसको भी नींद आई !!
3 comments:
ये पल उस पल की बरसी है, वाह!
बहुत बढ़िया!!!
kuchh na kuchh hona chahiye
narayan narayan
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