Wednesday, February 11, 2009

तेरा इमोशनल अत्याचार..

आज समय के साथ सबकुछ बदल गया है। प्यार, प्यार का इजहार और उसके मायने भी। युवक-युवतियों को सबकुछ रेडीमेड चाहिए। प्यार भी। उसे लगता है कि गुलाब के गुच्छे देकर, ढेरो तोहफे देकर, हाथ में हाथ डालकर घूमकर, रेस्टोरेंट में साथ खाना खाकर और थियेटर में फिल्म देखकर ही प्यार किया जा सकता है। क्योंकि आज का युवा प्यार करना नहीं दिखाना जानता है। बाजार ने पहले ही सभी भावनाओं का बाजारीकरण कर दिया है। आज देवदास के जमाने का न तो देव है, न पारो और न ही चंद्रमुखी। पहले प्यार में देवदास बने युवा अपनी पारो से कहते थे कि तू मुझे देखें मैं तुम्हें देखूं और यही प्यार है। चंद्रमुखी कहती थी कि तुम्हारे एक नजर उठाकर देख लेने भर से मेरा जीवन सफल हो गया। अब का देव कहता है अब देखने का नहीं दिखाने का समय है और अब की चंद्रमुखी कहती है देखने दिखाने से काम नहीं चलेगा, पैसा दो, काम करो और चलते बनो। इस वैलेंटाइन डे में मिलने वाली या वाला अगले साल साथ होगा या नहीं इसकी कोई गांरटी नहीं। जान बचानी हो तो भाई-बहन बन जाओ और इच्छाओं की पूर्ति करनी हो तो समय की भूल कहकर निकल जाओ। प्यार के मामले में कुछ ऐसा ही है आज का युवा। सभी नहीं पर अधिकांश तो जरूर। अब का युवा देवदास की तरह प्रेमिका के घर के दरवाजे पर जाकर मरता नहीं, बल्कि एक के बाद एक कई पारो की फौजें खड़ी कर देता है और चंद्रमुखी के पास जाना भी नहीं भूलता। सब चलता है, चलाने वाले चाहिए की तर्ज पर। अब ना पहले वाले देवदास है ना पारो और न ही वो इमोशन। अब कुछ रह गया तो वह है केवल इमोशन की आड़ में उसका किसी भी तरह प्रयोग कर फायदा उठाना या फिर देव डी की तरह इमोशनल अत्याचार। इसे चलाने में लड़कियां भी कुछ कम नहीं। जब तक चलता है तबतक चलाओ, न चले तो तुम अपने रास्ते हम अपने रास्ते। बेशक जिन्हें कल का पता नहीं उनके लिए आज का वैलेंटाइन डे ही मायने रखेगा। पता नहीं कल हो न हो। इसलिए चाहे लाख विरोध हो जो करना है आज ही कर लो, क्योंकि ये हमारा अधिकार है। बेशक प्यार करना आपका अधिकार है लेकिन प्यार की आड़ में अश्लीलता आपका अधिकार नहीं, प्यार की आड़ में शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति आपका अधिकार नहीं और न ही प्यार की आड़ में समाज में गंदगी फैलाना आपका अधिकार है। प्यार में केवल प्यार करना और उसे निभाना आपका अधिकार है और इसकी अभिव्यक्ति के लिए एक दिन तो क्या पूरा जीवन कम है।

7 comments:

जयंती कुमारी said...

चूंकि, ज़्यादातर लड़के-लड़कियों का यही हाल है, इसलिए मैं इस बात स‌े स‌हमत हूं कि वाकई ज़माने के रंग में तेज़ी स‌े बदलाव आया है। वैसे कुच्छेक मामले आज भी ऎसे मिल जायेंगे, जहां प्यार करनेवालों का रिश्ता पवित्रता की परिधि में ही आता है। खैर, आपने यह बात उठा ही दी है, तो एक बात मैं भी जोड़ देती हूं - आज के युवाओं को प्रेम में बहुत ज़्यादा उतावलापन नहीं दिखाना चाहिए। अकसर गलत जीवनसाथी चुनकर युवा अपनी ज़िंदगी को बोझ स‌मझने लगते हैं, जिससे अंततः प्रेम के प्रति ही विरक्ति होने लगती है। यह घातक है। दूसरी बात यह कि माता-पिता को भी इस मामले में थोड़ा लिब्रल होना पड़ेगा, क्योंकि अगर आपके पुत्र या पुत्री ने किसी को पसंद किया है और उनके पसंद का दायरा नादानी स‌े ऊपर है, तो उन्हें उनके मन के मुताबिक जीवन जीने का अधिकार देना चाहिए, नहीं देंगे, तो क्या होगा। आज आत्महत्याओं का प्रचलन बढ़ा है। पारिवारिक स‌हिष्णुता ही इस प्रवृत्ति की जड़ में मट्ठा डाल स‌कती है। अन्यथा होइहें वही जो राम रची राखा...

हमराही said...

चंद्रमुखी और देवदास के ज़माने में चैनल वी और एमटीवी का जायकेदार और स‌ेक्सी प्यार का प्रचार नहीं होता था। टेलीवीज़न और इंटरनेट के इस युग में स‌ब कुछ पतीत होता जा रहा है। अब तो स‌िर्फ बैठकर तमाशा देखने भर की बात रह गयी है।

अनिल कान्त said...

समय बदला है ...प्यार का रूप बदला ...अब लोग उस एहसास के स्सथ प्यार नही करते ....वो बस अपनी इच्छाओं की पूर्ति करना चाहते हैं ....दिखावा करना चाहते हैं कि मेरा बॉय फ्रेंड या गर्ल फ्रेंड कितना अच्छा है ...ज़रा सी मुश्किलात आने पर अपना रास्ता बदल लेते हैं और प्यार को भूलने में ज़रा भी देर नही करते .......क्या करे ऐसे लोगों का

Anonymous said...

प्रतिबंधित भी तो नही किया जा सकता क्योंकि इस से स्वतंत्रता का हनन होगा! आपका आभार.

makrand said...

पता नहीं कल हो न हो। इसलिए चाहे लाख विरोध हो जो करना है आज ही कर लो, क्योंकि ये हमारा अधिकार है।
exactly tis is te logic of today

Paise Ka Gyan said...

Leopard in Hindi
Titanic Jahaj
Cat in Hindi
Elephant in Hindi
Tree in Hindi

Paise Ka Gyan said...

Peacock in Hindi
Horse in Hindi
Tiger in Hindi
Moon in Hindi
Uranus in Hindi