कौन सी बात पर अकड़ गयी
बीच रस्ते में ही उम्र अड़ गयी
जिन्दगी लुढ़कती है गोया कि
जाने इसे कितनी चढ़ गयी !!
जब कहा कि अब मरना है
जिन्दगी मुझसे ही लड़ गयी !!
जीते-जीते ऐसा हो गया कि
जीने की आदत ही पड़ गयी !!
शान से जीना चाहता था मैं
हयात ही मेरे पर क़तर गयी
जब से पैदा हुआ हूँ गाफिल
लगता है तकलीफ बढ़ गयी !!
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