Monday, September 14, 2009

मोहनी सुर सोहनी आशा भोंसले।अन्श लाल पंद्रे

मोहनी सुर सोहनी आशा भोंसले।
प्रवाहिनी सुर सरिता आशा भोंसले।।

कंठ कुसुमित मधुर विकसित स्वर गुंजनमय।
गीत ग़ज़ल भजन छंद गायन सिंगार मय।
वास मिठास कंठ सदा आशा भोंसले।।

संगीत फिल्म-सुगम जगत गायकी मधुमय।
हिय होय नहिं तृप्त सुनके कला गुनमय।
स्वर मिल्लका बिंदास आशा भोंसले।।

प्रख्यात संगीतकार किये नव प्रयोग।
खिल के महके सभी गीत जो कि संयोग।
जादू भरी आवाज़ आशा भोंसले।।

2 comments:

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर रचना है आशा जी को सादर नमन शुभकामनायें

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर रचना है आशा जी को सादर नमन शुभकामनायें