Sunday, October 11, 2009
मुहल्ले का नोबेल
जब से ओबामा को शांित के िलए नोबेल िमलने की खबर अायी है मेरे मुहलले का छुटटन भी मूंछ पर ताव िदये घूम रहा है. छुट्टन यूं तो काफी फेमस है. या यूं कहें फेमस हो गया है. कैसे यह अलग कहानी है. मुहल्ले में उसकी एक अलग तरह की इमेज है. मिहलाओं का सम्मान करता है ओबामा की ही तरह. घूरता है पर बड़े शरीफ अंदाज में. कनखियों से. कभी फब्तियां नहीं कसता, पर जबान ही तो है कभी-कभी फिसल जाती है. कुछ अल बल बोला ही जाता है. लेकिन टेंशन की बात नहीं है. अब जब से उसने यह खबर सुनी है कि ओबामा को नोबेल मिला है उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है. कहता फिर रहा है कि अब उसे भी नोबल मिलने का रास्ता साफ हो गया है. वह भी दावेदारी कर सकता है. मैंने पूछा रे मूरख तुझे क्यों मिलेगा नोबेल. तुझमें एेसी कौन सी बात है. तूने कहां शांित फैलायी है. जब देखो तब कहीं न कहीं फसाद कराता फिरता है फिर तुझे क्योव नोबेल मिलेगा. उसने झट से कला भला ओबामा ने कहां शांति फैलायी है. उसने एेसा कौन सा तीन मार लिया है. फिर उसने अपने कारनामों की लिस्ट जारी की. सूची काफी लंबी है. कुछ नमूने पेश हैं. मो इस्माइल के बेटे असलम और सिन्हा साहब के बेटे विक्की के बीच जब खेल-खेल मेz मारपीट इतनी बढ़ गयी थी और दोनों ओर से लाठियां निकल गयी थीं तब मैंने ही तो दोनों के बीच में शांति करायी थीं. दो भाइयोव के झगड़े तो कई बार सुलझा चुका हूं. मुहल्ले में पानी को लेकर जब घमासान मचा था तब भी तो मैं ही सबसे अागे खड़ा था. अब बताइये इतने महान काम के बाद भी मुझे कोई पुरस्कार न मिले तो यह अन्याय ही होगा न. छोटे मोटे पुरस्कार तो कई बार मिल चुके हैं. कई बार पुिलस ने भी अपने अंदाज में सम्मानित किया है. अब शांति के इस झंडाबरदार को नोबेल नहीं मिलेगा तो फिर किसे मिलेगा. कम से कम मुहल्ले का नोबेल तो छुट्टन को िदया ही जाना चाहिए.
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ओबामा
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5 comments:
puraskar ka hakdaar hai
bahut hi badiya hai
आपकी मुहल्लीय योग्यता के अनुरूप नोबल चयन समिति को आपके बारे में विचार करना चाहिए ...आप पुरस्कार के लिए निश्चित ही हकदार है . अच्छा लिखा है .
bilkul milna hi chahiye....!!!
nice
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