Thursday, August 30, 2012

चर्चा में भी तुष्टिकरण!


भारतीय धर्मनिरपेक्ष समाज का दोगलापन देखिये, कसाब को फांसी हुई, तो चर्चा होने लगी कि अफजल गुरु की ही तरह इसे भी तब तक फांसी नहीं होगी, जब तक कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की नीति अपनाती रहेगी। मैं पूछता हूं कि आखिर जिन 52 लोगों की फांसी की सजा को राष्ट्रपति भवन ने रोक रखा है, उसमें से सिर्फ मुसलमानी नामों का ही जिक्र क्यों होता है। क्या भगवा आतंकवालों को यह नहीं पता कि जितने लोग राष्ट्रपति की दया याचिका के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, उनमें सारे के सारे मुसलमान नहीं हैं? पता है, लेकिन बंधु चर्चा हर मंच पर यही है कि अफजल गुरु और कसाब को फांसी नहीं हो रही। बाकी सब जो हैं, उनकी चर्चा इसलिए नहीं हो रही है, क्योंकि उससे मतलब नहीं सधता है। इसी विषय पर फर्स्ट पोस्ट ने बहुत ही अच्छा आलेख प्रकाशित किया है। आपके जेर-ए-नज़र पेश है।
India’s use of Kasab, Afzal Guru smacks of double standards
www.firstpost.com
The Kasab verdict also revives the debate on death penalty in India.

1 comment:

Saurabh Singh said...

yeh doglapan Muslim hi dikhaate h, khaate Bharat ka aur Gaate Pakistan ka h ......so pahle apne girebaan mei ghaankiye aur eak baat zab jaatiye aadhar per Muslimo ne pakistaan batwaa liya toh phir India mei kya kar rahe ho Besharmo ...........namakharamon .........