इस आइडिया का विरोध होना तय माना जा रहा है क्योंकि पत्रकारिता के मूल्यों की रक्षा की बात करने वाले लोग इस तथ्य को रेखाँकित करते रहे हैं कि पत्रकारिता धंधा नहीं है, मिशन है। ऐसे में पत्रकारिता क्या है और खबरों का धंधा क्या है दोनों में अन्तर रेखांकित करने की जरूरत है।
आगे पढ़ें .....
http://hastakshep.com/?p=30427
जस्टिस काटजू का आइडिया, हर कोई न घुस पाये पत्रकारिता के धंधे में !
No comments:
Post a Comment