फहमीदा जी से बात करना पाकिस्तान के दुखद वर्तमान के सफ़र पर जाने जैसा है। अपने देश से प्यार उनकी रगों में बहता है। पाकिस्तान की जो खतरनाक तस्वीर हिन्दुस्तान में दिखाई जाती है दरअसल वह वैसा भी नहीं है। वह अपने ज़ख्मों से कराहता एक देश है। आप उनसे कोई भी सवाल कीजिये बात घूम फिर कर पाकिस्तान की बदहाली के राजनीतिक कारणों पर लौट आती है।
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