Saturday, June 14, 2008

रविप्रकाश जी आइनेक्स्ट के एडिटर बने

एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत प्रभात खबर, रांची से एक साथ आठ लोगों ने इस्तीफा देकर वहीं पर नए लांच होने जा रहे आई-नेक्स्ट को ज्वाइन कर लिया। ये सभी प्रभात खबर, रांची में डिप्टी एडीटर रवि प्रकाश के नेतृत्व में आई-नेक्स्ट में आए। रवि प्रकाश आई-नेक्स्ट रांची के संपादकीय प्रभारी होंगे। इसी जून महीने के अंत में आई-नेक्स्ट का रांची सं प्रकाशन संभावित है। रवि प्रकाश के साथ जो लोग प्रभात खबर छोड़कर आई-नेक्स्ट में आए हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं...

नरेंद्र, ताज, राजेश राय , अनुप्रिया वर्मा, पिंटू दुबे, विजय पांडेय और विकास। इन सभी रवि प्रकाश के साथ ही प्रभात खबर से इस्तीफा देकर आई-नेक्स्ट ज्वाइन किया। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह सब होना अप्रत्याशित नहीं है। प्रभात खबर से हमेशा लोग जाते रहे हैं और उनकी जगह नए लोग आकर सफलतापूर्वक काम संभालते रहे हैं। वहीं, अन्य लोगों का कहना है कि अभी कुछ लोग और प्रभात खबर से टूट सकते हैं।
अब थोड़ी बात रवि प्रकाश के बारे में जो आई-नेक्स्ट, रांची के संपादकीय प्रभारी होंगे। रांची से पहले रवि देवघर में थे और यहां 2 वर्षों तक प्रभात खबर के रेजीडेंट एडीटर रहे। देवघर से पहले वे पटना में बतौर न्यूज एडीटर प्रभात खबर में कार्यरत रहे। रवि प्रकाश ने उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में काम किया है। वे बतौर सीनियर सब एडीटर दैनिक जागरण, बरेली और मुरादाबाद में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
रवि प्रकाश ने रिपोर्टिंग के फ्रंट पर भी नाम कमाया हुआ है। नेपाल में शाही नरसंहार और सार्क सम्मेलन जैसे इवेंट्स को रवि ने काठमांडू जाकर कवर किया। इन इवेंट्स पर जो तथ्य व रिपोर्ट रवि ने प्रकाशित किए, वे काफी चर्चित हुए।
यह ख़बर सबसे पहले भडास में आयी और उसके बाद मेरी (नदीम अख्तर की) बात रवी जी से हुई। उन्होंने इसकी पुष्टी कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने जागरण रांची के दफ्तर के ऊपर में ही बने आइनेक्स्ट के दफ्तर में योगदान भी दे दिया है। उनके अनुसार आइनेक्स्ट रांची की लौन्चिंग २१ जून को सम्भव है। रवि जी के साथ चूंकि मैं भी प्रभात ख़बर में काम कर चुका हूँ इसलिए यह कह सकता हूँ कि आइनेक्स्ट को रवी जी निश्चित ही एक अच्छे मुकाम पर पहुंचाने में कामयाब होंगे। रांचीहल्ला की पूरी टीम के तरफ़ से उनको लख-लख बधाइयां...


संशोधन
सबसे पहले क्षमा याचना उन लोगों से, जिन्हें इस पोस्ट के कारण थोडी सी भी परेशानी हुईमैं बता दूँ कि आई-नेक्स्ट ज्वाइन करने वाले जिन आठ लोगों के नाम प्रभात ख़बर से जाने वालों की फेहरिस्त में था, उनमें से तीन लोग अज्ञात कारणों से प्रभात ख़बर में ही रुक गए हैंइन लोगों के नाम हैं - विकास कुमार (धुर्वा निवासी), अनुप्रिया वर्मा और ताजइन लोगों को पन्द्रह जून की शाम प्रभात ख़बर में ही काम करते हुए देखा गयाइनके अलावा नरेन्द्र जी के बारे में कहा गया है कि उन्होंने काफी पहले ही इस्तीफा दे दिया था, इसलिए उनका वर्त्तमान में प्रभात ख़बर से कोई लेना देना नही था दुबे हिंदुस्तान के कर्मचारी थेवे पहले ही प्रभात ख़बर छोड़ चुके थेवहीं राजेश राय प्रभात ख़बर पटना के कर्मचारी थेइसके अलावा जिन विजय पाण्डेय के बरे में कहा गया है उन्हें कोई नहीं जानता कि वे प्रभात ख़बर के किस संस्करण में थेतो कुल मिला कर आज कि तारिख मे प्रभात ख़बर से आफिसियल जानकारी यही मिली है कि आई-नेक्स्ट जाने वाले प्रभात ख़बर के केवल एक कर्मचारी हैं, जिनका नाम है रवि प्रकाश

मेरी सूरत ही पसंद नहीं थी
आई-नेक्स्ट ज्वाइन करने से पहले मैं प्रभात ख़बर में ही काम कर रहा था। मुझे आई-नेक्स्ट से कॉल आया तो मैं साक्षात्कार देने गया था। वहाँ से आने के बाद प्रभात ख़बर मे मुझसे पूछा गया कि आप साक्षात्कार देने गए थे? मैंने अपनी साफगोई से बता दिया कि हाँ हम गए थे। प्रभात ख़बर के कार्यकारी संपादक ओंम प्रकाश अश्क जी ने मुझसे इसी बात पर इस्तीफा मांग लिया। अब बताइए, अगर कोई मजदूर नरेगा के तहत गाँव मे काम कर रहा हो और उसी दौरान शहर में काम खोजने के लिए एक दिन के वास्ते चला जाए, तो क्या उसको नरेगा से भी काम नहीं मिलेगा ? यह तो ऐसा ही है कि अगर किसी कारण से मेरी सूरत ही पसंद नहीं है, तो मुझे किसी भी मामले में घसीट कर काम छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया जाए। और मेरे साथ भी यही हुआ, मुझसे जबरदस्ती इस्तीफा ले लिया गया, जबकि मैं प्रभात ख़बर में ही काम करना चाहता था। मेरा कुसूर तो इतना ही था न कि मैं साक्षात्कार में शामिल होने चला गया था, तो फ़िर उन लोगों से भी इस्तीफा क्यों नहीं माँगा गया जो लोग मेरे साथ ही साक्षात्कार देने के लिए आई-नेक्स्ट गए हुए थे। क्या मेरी शक्ल इतनी ख़राब है कि अकेले हम ही से इस्तीफा माँगना उचित समझा गया। और मैं यह पूछना चाहता हूँ कि आख़िर यह कहाँ का न्याय है कि अगर कोई आदमी बेहतर विकल्प कि तलाश करे तो उससे रोज़ी-रोटी ही छीन ली जाए? वैसे मुझे अब इस बात का कोई गम नहीं कि मुझे इस्तीफा देना पड़ा लेकिन गम इस बात का है कि हमको अपने घर से ही अपने परिवार वालों ने बेगाना कर दिया। खैर हमको किसी से कोई शिकायत नहीं है। पत्रकारिता में हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि किसी भी आदमी से किसी कि भी मुलाक़ात कहीं भी हो सकती है, और जब भी हम एक-दूसरे से मिलें तो कभी एक-दूसरे से नज़रें मिलाने में शर्मिंदगी महसूस न हो।
आप सभी का आभारी
नरेन्द्र कुमार
(यह चिठ्ठी नरेन्द्र जी ने रांचीहल्ला टीम को १६ जून की सुबह ही भेजी है। नरेन्द्र जी फिलहाल आई-नेक्स्ट में हैं)
अमरकांत ने भी आई-नेक्स्ट ज्वाइन किया
प्रभात ख़बर में कार्यरत अमरकांत ने आई-नेक्स्ट ज्वाइन कर लिया है। आज (18 जून) उन्होंने अपना योगदान दिया है। उन्होंने रांचीहल्ला से बातचीत करते हुए कहा की जिस तरह वो प्रभात ख़बर में म्हणत और लगन से काम किया करते थे, वैसे ही आई-नेक्स्ट में भी करेंगे। अमरकांत जी मूलतः शिक्षा बीट के पत्रकार हैं। उन्होंने अपने पत्रकारिता के माध्यम से कई बड़ी स्टोरी ब्रेक की। निष्पक्ष पत्रिकारिता की राह में अग्रसर अमरकांत जी युवा और कर्मठ तो हैं ही, साथ ही साथ कर्मयोगी भी हैं। उनका पैतृक आवास बोकारो में है। संयोग से मुझे उनके घर जाने का
एक बार मौका मिला, तो मैं गया। लेकिन बहुत अफ़सोस तब हुआ जब मैं धनबाद से बोकारो उनसे मिलने गया और उन्ही से मुलाकात नही हो पाई। खैर ये बात एक साल पुरानी है, जब मैं धनबाद प्रभात ख़बर में हुआ करता था। स्मृतियाँ अनंत हैं....

1 comment:

Anonymous said...

nadeem bhai, ek sansodhan aur hai. prabhat khabar ke senior reporter amarkant ne bhi i next join kar liya hai. bachi baat aane jane walon ki, to anupria, taz pk me hi wapas chale gaye. rajesh rai n vijay pandey prabhat khabar patna se aaye hain. arun kumar bhi prabhat khabar patna se aaye hain. narendra ka patra aapne dekha hi hai. pintu ka paisa abhi bhi prabhat khabar ne rok rakha hai. agar we pk ke nahi hain to unka koi istifa bhi hai kya? to janab pk se aane wale kul 7 log hain. abhi bhi prabhat khabar ke darjano log line mein hain, kahiye to naam gina doon. ek gana yaad hai na, aana jaana laga rahega.....