गुस्सा तो बहुत आता है......
जाने कब मैं इन .........
इन कमीनों को मार बैठूं .........
गुस्सा दबा रह जाता है !!
गुस्सा बहुत आता है.......
की इनको नंगा करके .........
गधे की पीठ पर दौडाऊं..........
गुस्सा दबा रह जाता है !!
गुस्सा तो बहुत आता है.....
इनका मुंह काला करवाकर...
इनके मुंह पर थूक्वाऊँ ..........
गुस्सा दबा रह जाता है...!!
गुस्सा बहुत आता है.....
समूची जनता से इन्हें...
लात-घूँसे बरसवाऊं .....
गुस्सा दबा ही रह जाता है...!!
इस देश का कुछ भी नहीं बन सकता...
....मैं अभी ............
कुर्बानी के लिए तैयार ही नहीं.....!!!!
4 comments:
bhootnath je aap ye kyun bhool jatyn hain ke aap bhoot hain or janta yhan bhooto ko vote nahe daite han. Magar itna gussa or kehar kin pr??? Regards
अब क्या कहें..दबाये रहो गुस्सा!!
गुस्से को दबाये रखना ही चाहिए, लेकिन हल्ला जरुर बोलना चाहिए.
भाई इतना गुस्सा मत करो. अच्छी बात नहीं है.. अपना ही खून जलता है...
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